शुक्र का बारह भावों में फल

शुक्र को भृगु भी कहा गया है | शुक्र एक शुभ ग्रह माने जाते हैं | शुक्र कामना, पत्नी, विवाह, आकर्षण आदि का कारक है | जन्म कुंडली में बारह भाव होते हैं | विभिन्न भावों में बैठ कर शुक्र अलग अलग फल देता है | यहाँ हम बारह भावों में शुक्र के स्थित होने का फल बताएँगे |
यहाँ एक चेतावनी देना आवश्यक है | शुक्र किस भाव का स्वामी है, लग्नेश के साथ शुक्र का कैसा संबंध है, उस पर किसकी दृष्टि है, किसके साथ युत है, षड़बल में उसकी कैसी स्थिति है, अन्य षोड़श्वर्गीय कुंडलियों में उसकी कैसी स्थिति है – इत्यादि विषयों को देखे बिना हम सीधे नहीं कह सकते की अमुक भाव में शुक्र ऐसा फल करेगा | पर लाओत्सू ने कहा है की हज़ार मील की यात्रा भी पहले कदम से शुरू होती है | यहाँ हम शास्त्रों में वर्णित शुक्र के विभिन्न भाव में स्थित होने का फल बता रहे हैं | इन्हें अंतिम सूत्र न मानें | इन्हें अनेक सूत्रों में से केवल एक सूत्र मानकर अध्ययन करें तो लाभदायक रहेगा |

1. शुक्र लग्न में

यवन जातक:

चमत्कार चिन्तामणि:

मानसागरी:

लग्न चंद्रिका:

सारावली:

Venus in the first or lagna house of Kundali, as per Saravali of Kalyan Varma

जातकाभरणम्:

Venus in the first or lagna house of Kundali, as per Jatakabharanam of Dhundhiraj

भृगु सूत्र:

Venus in the first or lagna house of Kundali, as per Bhrigu Sutra
Venus in the first or lagna house of Kundali, as per Bhrigu Sutra

2. शुक्र दूसरे भाव में

यवन जातक:

चमत्कार चिन्तामणि:

मानसागरी:

लग्न चंद्रिका:

सारावली:

Venus in the second house of Kundali, as per Saravali of Kalyan Varma
Venus in the second house of Kundali, as per Saravali of Kalyan Varma

जातकाभरणम्:

Venus in the second house of Kundali, as per Jatakabharanam of Dhundhiraj

भृगु सूत्र:

Venus in the second house of Kundali, as per Bhrigu Sutra
Venus in the second house of Kundali, as per Bhrigu Sutra

3. शुक्र तीसरे भाव में

यवन जातक:

चमत्कार चिन्तामणि:

मानसागरी:

लग्न चंद्रिका:

सारावली:

Venus in the third house of Kundali, as per Saravali of Kalyan Varma

जातकाभरणम्:

Venus in the third house of Kundali, as per Jatakabharanam of Dhundhiraj

भृगु सूत्र:

Venus in the third house of Kundali, as per Bhrigu Sutra

4. शुक्र चौथे भाव में

यवन जातक:

चमत्कार चिन्तामणि:

मानसागरी:

लग्न चंद्रिका:

सारावली:

Venus in the fourth house of Kundali, as per Saravali of Kalyan Varma

जातकाभरणम्:

Venus in the fourth house of Kundali, as per Jatakabharanam of Dhundhiraj

भृगु सूत्र:

Venus in the fourth house of Kundali, as per Bhrigu Sutra
Venus in the fourth house of Kundali, as per Bhrigu Sutra

5. शुक्र पाँचवे भाव में

यवन जातक:

चमत्कार चिन्तामणि:

मानसागरी:

लग्न चंद्रिका:

सारावली:

Venus in the fifth house of Kundali, as per Saravali of Kalyan Varma

जातकाभरणम्:

Venus in the fifth house of Kundali, as per Jatakabharanam of Dhundhiraj

भृगु सूत्र:

Venus in the fifth house of Kundali, as per Bhrigu Sutra

ज्योतिस्तत्त्वम् (अध्याय 27):

Venus (Shukra) in the fifth house of Kundali, as per Jyotish Tattvam of Mukund Daivagya

6. शुक्र छठे भाव में

यवन जातक:

चमत्कार चिन्तामणि:

मानसागरी:

लग्न चंद्रिका:

सारावली:

जातकाभरणम्:

Venus in the sixth  house of Kundali, as per Jatakabharanam of Dhundhiraj

भृगु सूत्र:

Venus in the sixth  house of Kundali, as per Bhrigu Sutra

ज्योतिस्तत्त्वम् (अध्याय 28):

Venus (Shukra) in the sixth house of Kundali, as per Jyotish Tattvam of Mukund Daivagya

7. शुक्र सातवें भाव में

यवन जातक:

चमत्कार चिन्तामणि:

मानसागरी:

लग्न चंद्रिका:

सारावली:

Venus in the seventh house of Kundali, as per Saravali of Kalyan Varma

जातकाभरणम्:

Venus in the seventh house of Kundali, as per Jatakabharanam of Dhundhiraj

भृगु सूत्र:

Venus in the seventh house of Kundali, as per Bhrigu Sutra
Venus in the seventh house of Kundali, as per Bhrigu Sutra

ज्योतिस्तत्त्वम् (अध्याय 29):

Venus (Shukra) in the seventh house of Kundali, as per Jyotish Tattvam of Mukund Daivagya

8. शुक्र आठवें भाव में

यवन जातक:

चमत्कार चिन्तामणि:

मानसागरी:

लग्न चंद्रिका:

सारावली:

Venus in the eighth house of Kundali, as per Saravali of Kalyan Varma

जातकाभरणम्:

Venus in the eighth house of Kundali, as per Jatakabharanam of Dhundhiraj

भृगु सूत्र:

Venus in the eighth house of Kundali, as per Bhrigu Sutra

ज्योतिस्तत्त्वम् (अध्याय 30):

Venus (Shukra) in the eighth house of Kundali, as per Jyotish Tattvam of Mukund Daivagya

9. शुक्र नौवें भाव में

यवन जातक:

चमत्कार चिन्तामणि:

मानसागरी:

लग्न चंद्रिका:

सारावली:

Venus in the ninth house of Kundali, as per Saravali of Kalyan Varma

जातकाभरणम्:

Venus in the ninth house of Kundali, as per Jatakabharanam of Dhundhiraj

भृगु सूत्र:

Venus in the ninth house of Kundali, as per Bhrigu Sutra

ज्योतिस्तत्त्वम् (अध्याय 31):

Venus (Shukra) in the ninth house of Kundali, as per Jyotish Tattvam of Mukund Daivagya
Venus (Shukra) in the ninth house of Kundali, as per Jyotish Tattvam of Mukund Daivagya

10. शुक्र दशवे भाव में

यवन जातक:

चमत्कार चिन्तामणि:

मानसागरी:

लग्न चंद्रिका:

सारावली:

Venus in the tenth house of Kundali, as per Saravali of Kalyan Varma

जातकाभरणम्:

Venus in the tenth house of Kundali, as per Jatakabharanam of Dhundhiraj

भृगु सूत्र:

Venus in the tenth house of Kundali, as per Bhrigu Sutra

ज्योतिस्तत्त्वम् (अध्याय 32):

Venus (Shukra) in the tenth house of Kundali, as per Jyotish Tattvam of Mukund Daivagya

11. शुक्र ग्यारहवें भाव में

यवन जातक:

चमत्कार चिन्तामणि:

मानसागरी:

लग्न चंद्रिका:

सारावली:

Venus in the eleventh house of Kundali, as per Saravali of Kalyan Varma

जातकाभरणम्:

Venus in the eleventh house of Kundali, as per Jatakabharanam of Dhundhiraj

भृगु सूत्र:

Venus in the eleventh house of Kundali, as per Bhrigu Sutra
Venus in the eleventh house of Kundali, as per Bhrigu Sutra

ज्योतिस्तत्त्वम् (अध्याय 33):

Venus (Shukra) in the eleventh house of Kundali, as per Jyotish Tattvam of Mukund Daivagya

12. शुक्र बारहवें भाव में

यवन जातक:

चमत्कार चिन्तामणि:

मानसागरी:

लग्न चंद्रिका:

सारावली:

Venus in the twelfth house of Kundali, as per Saravali of Kalyan Varma

जातकाभरणम्:

Venus in the twelfth house of Kundali, as per Jatakabharanam of Dhundhiraj

भृगु सूत्र:

Venus in the twelfth house of Kundali, as per Bhrigu Sutra

ज्योतिस्तत्त्वम् (अध्याय 34):

Venus (Shukra) in the twelfth house of Kundali, as per Jyotish Tattvam of Mukund Daivagya

फलदीपिका में शुक्र के बारह भावों में स्थित होने के ये फल कहे गये हैं :

वराहमिहिर कृत बृहज्जातक के अठारवें अध्याय अर्थात भावाध्याय में शुक्र के बारहों भाव में फल दिए गए हैं |

Venus in twelve houses of kundali as per Brihajjatakam of Varah Mihir

इसके अतिरिक्त गौरी जातक नामक ग्रंथ में शुक्र का चंद्रमा से विभिन्न भावों में स्थिति का फल बताया गया है: