द्वादशेश (व्ययेश) के बारह भावों में शास्त्रानुमोदित फल

कुंडली के बारहवें भाव को व्यय भाव कहा जाता है एवं इस में स्थित राशि के स्वामी  को द्वादशेश (व्ययेश) कहा जाता है| ज्योतिष में बारहवाँ भाव व्यय, धन हानि, जेल यात्रा, हॉस्पिटल में खर्च आदि का होता है | कुंडली के अलग-अलग भावों में बैठकर द्वादशेश (व्ययेश) अलग-अलग फल प्रदान करता है | पहले […]

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एकादशेश (लाभेश) का बारह भावों में फल

कुंडली के ग्यारहवें भाव को कर्म भाव कहा जाता है एवं इस में स्थित राशि के स्वामी  को एकादशेश (लाभेश) कहा जाता है| ज्योतिष में ग्यारहवाँ भाव आय, लाभ, बड़े भाई व मित्र का होता है | कुंडली के अलग-अलग भावों में बैठकर एकादशेश (लाभेश) अलग-अलग फल प्रदान करता है | पहले तो जल्दी से

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दशमेश (कर्मेश) का बारह भावों में फल

कुंडली के दशम भाव को कर्म भाव कहा जाता है एवं इस में स्थित राशि के स्वामी  को दशमेश (कर्मेश) कहा जाता है| ज्योतिष में दशम भाव कर्म अर्थात आजीविका का होता है | कुंडली के अलग-अलग भावों में बैठकर दशमेश (कर्मेश) अलग-अलग फल प्रदान करता है | पहले तो जल्दी से यह जान लें

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वैज्ञानिक दृष्टिकोण से ज्योतिष: तथ्यों और शोधों की रोशनी में

ज्योतिष विज्ञान है या अंधविश्वास? यह सवाल आज के दौर में बार-बार उठाया जाता है, खासकर जब विज्ञान के नाम पर इसे खारिज करने वाले तथाकथित ‘तर्कवादी’ मैदान में आते हैं। जो लोग इसे केवल अंधविश्वास मानते हैं, उनके लिए शायद ज्योतिष का अध्ययन कभी किताबों या शोधपत्रों तक सीमित नहीं रहा होगा। ज्योतिष न

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Grah Shanti

ग्रहों की शान्ति

भूमिका ज्योतिष शास्त्रों में दो प्रकार के भविष्य की चर्चा आयी है – एक अवश्यम्भावी और दूसरा सम्भाव्य | अवश्यम्भावी होकर ही रहेगा | लेकिन सम्भाव्य जरूरी नहीं है की हो ही | यह आपके प्रयासों पर निर्भर करता है | अगर आप ग्रह शान्ति के हेतु युक्त कार्य करते हैं तो अशुभ फलों को

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Common Sutras of Astrology

ज्योतिष के सामान्य सूत्र

भूमिका जातक से सम्बंधित कई प्रकार की बातें ज्योतिषी से पूछी जाती है | उदाहरणस्वरूप: जातक की पढ़ाई लिखाई कैसी होगी ? विवाह का कैसा योग है ? दीर्घायु होगा या नहीं ? धन होगा या नहीं? भूमि भवन वाहन का सुख मिलेगा या नहीं ? विदेश यात्रा हो पाएगी या नहीं? नौकरी ठीक रहेगा

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Lord of ninth house in twelve houses of kundali

भाग्येश (नवमेश) का बारह भावों में फल

कुंडली के नवम भाव को भाग्य भाव कहा जाता है एवं इस में स्थित राशि के स्वामी को भाग्येश (नवमेश ) कहा जाता है| ज्योतिष में नवम भाव भाग्य, धर्म, पिता, एवं उच्च-शिक्षा का होता है | नवम भाव को धर्म भाव और नवमेश को धर्मेश भी कहते हैं | कुंडली के अलग-अलग भावों में

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Owning Dog, what scriptures say

क्या कुत्ता पालना शास्त्र सम्मत है ?

भूमिका समाज में कई लोग गाय नहीं पालते – लेकिन कुत्ता पालने लगे हैं | क्या वो कुत्ते को घर में, रसोई में सर्वत्र घूमने देते हैं | इतना ही नहीं उसे गोदी में रख के भोजन भी करते कराते हैं | कुत्ता पालना चाहिए कि नहीं ? क्या कुत्ता पालना शुभ या अशुभ या

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Eighth House Lord in Twelve Houses of Kundali

अष्टमेश का बारह भावों में फल

कुंडली में बारह भाव होते हैं | आठवें भाव को मृत्यु भाव कहते हैं | इस भाव से मृत्यु के बारे में जानते हैं | यह छल-छिद्र और गुप्त धन का भी भाव है| इस भाव के स्वामी को अष्टमेश कहा जाता है | कुंडली के अलग-अलग भावों में बैठकर अष्टमेश अलग-अलग फल प्रदान करता

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Seventh house lord in various houses of Kundali

सप्तमेश का बारह भावों में फल

कुंडली में बारह भाव होते हैं | सप्तम भाव को जाया भाव कहते हैं | इस भाव से पति अथवा पत्नी के बारे में जानते हैं | व्यापार में साझेदारी और यात्रा के बारे में भी इस भाव से विचार करते हैं | इस भाव के स्वामी को सप्तमेश कहा जाता है |प्रेम के देवता

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