षष्ठेश (रोगेश) का कुंडली के बारह भावों में फल
कुंडली के छठे भाव को ऋण, रोग और शत्रु का भाव कहा जाता है | इस में स्थित राशि के स्वामी को षष्ठेश कहा जाता है| रोग भाव के स्वामी होने के कारण इसको रोगेश भी कहते हैं | कुंडली के अलग-अलग भावों में बैठकर षष्ठेश अलग-अलग फल प्रदान करता है | पहले तो जल्दी […]