भावेश फल

शास्त्रों के आधार पर विभिन्न भावों के स्वामी (भावेश) का कुंडली के बारह भावों में फल |

द्वादशेश (व्ययेश) के बारह भावों में शास्त्रानुमोदित फल

कुंडली के बारहवें भाव को व्यय भाव कहा जाता है एवं इस में स्थित राशि के स्वामी  को द्वादशेश (व्ययेश) कहा जाता है| ज्योतिष में बारहवाँ भाव व्यय, धन हानि, जेल यात्रा, हॉस्पिटल में खर्च आदि का होता है | कुंडली के अलग-अलग भावों में बैठकर द्वादशेश (व्ययेश) अलग-अलग फल प्रदान करता है | पहले […]

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एकादशेश (लाभेश) का बारह भावों में फल

कुंडली के ग्यारहवें भाव को कर्म भाव कहा जाता है एवं इस में स्थित राशि के स्वामी  को एकादशेश (लाभेश) कहा जाता है| ज्योतिष में ग्यारहवाँ भाव आय, लाभ, बड़े भाई व मित्र का होता है | कुंडली के अलग-अलग भावों में बैठकर एकादशेश (लाभेश) अलग-अलग फल प्रदान करता है | पहले तो जल्दी से

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दशमेश (कर्मेश) का बारह भावों में फल

कुंडली के दशम भाव को कर्म भाव कहा जाता है एवं इस में स्थित राशि के स्वामी  को दशमेश (कर्मेश) कहा जाता है| ज्योतिष में दशम भाव कर्म अर्थात आजीविका का होता है | कुंडली के अलग-अलग भावों में बैठकर दशमेश (कर्मेश) अलग-अलग फल प्रदान करता है | पहले तो जल्दी से यह जान लें

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Lord of ninth house in twelve houses of kundali

भाग्येश (नवमेश) का बारह भावों में फल

कुंडली के नवम भाव को भाग्य भाव कहा जाता है एवं इस में स्थित राशि के स्वामी को भाग्येश (नवमेश ) कहा जाता है| ज्योतिष में नवम भाव भाग्य, धर्म, पिता, एवं उच्च-शिक्षा का होता है | नवम भाव को धर्म भाव और नवमेश को धर्मेश भी कहते हैं | कुंडली के अलग-अलग भावों में

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Eighth House Lord in Twelve Houses of Kundali

अष्टमेश का बारह भावों में फल

कुंडली में बारह भाव होते हैं | आठवें भाव को मृत्यु भाव कहते हैं | इस भाव से मृत्यु के बारे में जानते हैं | यह छल-छिद्र और गुप्त धन का भी भाव है| इस भाव के स्वामी को अष्टमेश कहा जाता है | कुंडली के अलग-अलग भावों में बैठकर अष्टमेश अलग-अलग फल प्रदान करता

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Seventh house lord in various houses of Kundali

सप्तमेश का बारह भावों में फल

कुंडली में बारह भाव होते हैं | सप्तम भाव को जाया भाव कहते हैं | इस भाव से पति अथवा पत्नी के बारे में जानते हैं | व्यापार में साझेदारी और यात्रा के बारे में भी इस भाव से विचार करते हैं | इस भाव के स्वामी को सप्तमेश कहा जाता है |प्रेम के देवता

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Sixth house Lord in various houses of kundali

षष्ठेश (रोगेश) का कुंडली के बारह भावों में फल

कुंडली के छठे भाव को ऋण, रोग और शत्रु का भाव कहा जाता है | इस में स्थित राशि के स्वामी को षष्ठेश कहा जाता है| रोग भाव के स्वामी होने के कारण इसको रोगेश भी कहते हैं | कुंडली के अलग-अलग भावों में बैठकर षष्ठेश अलग-अलग फल प्रदान करता है | पहले तो जल्दी

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Effect of Fifth House Lord In Various Houses

पंचमेश का बारह भावों में फल

कुंडली के पंचम भाव को शिक्षा-संतान का भाव कहा जाता है एवं इस में स्थित राशि के स्वामी  को पंचमेश कहा जाता है| ज्योतिष में पंचम भाव उच्च शिक्षा, संतान, एवं प्रेम का होता है | संतान अर्थात सुत भाव के स्वामी होने की वजह से पंचमेश को सुतेश भी कहा जाता है | कुंडली

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Effect of fourth house lord in the various houses of horscope

चतुर्थेश (सुखेश) का बारह भावों में फल

कुंडली के चतुर्थ भाव को सुख का भाव माना जाता है एवं इस भाव में स्थित राशि के स्वामी को चतुर्थेश कहा जाता है | ज्योतिष में कुंडली में चतुर्थ भाव माता, वाहन, प्रॉपर्टी, भूमि, मन, ख़ुशी, शिक्षा तथा भौतिक सुख इत्यादि का कारक भाव होता है | कुंडली के अलग-अलग भावों में बैठकर चतुर्थेश

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Effect of third house lord in various houses

तृतीयेश का बारह भावों में फल

कुंडली के तीसरे भाव को पराक्रम भाव कहा जाता है और उस भाव में स्थित राशि का स्वामी तृतीयेश कहलाता है। ज्योतिष में तृतीय भाव पराक्रम, छोटे भाई-बहिन, कंठ-गला एवं साहस का होता है | पहले तो जल्दी से यह जान लें कि किसी भी भाव के स्वामी को कैसे पहचानते हैं ? अगर तीसरे

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