वैज्ञानिक दृष्टिकोण से ज्योतिष: तथ्यों और शोधों की रोशनी में

ज्योतिष विज्ञान है या अंधविश्वास? यह सवाल आज के दौर में बार-बार उठाया जाता है, खासकर जब विज्ञान के नाम पर इसे खारिज करने वाले तथाकथित ‘तर्कवादी’ मैदान में आते हैं। जो लोग इसे केवल अंधविश्वास मानते हैं, उनके लिए शायद ज्योतिष का अध्ययन कभी किताबों या शोधपत्रों तक सीमित नहीं रहा होगा। ज्योतिष न केवल हमारे प्राचीन ग्रंथों, जैसे कि वेद, पुराण, और महाभारत में उल्लेखित है, बल्कि आधुनिक समय में भी इसका गहन अध्ययन हुआ है। आइए इस विषय को थोड़े वैज्ञानिक और शोध-आधारित नजरिए से समझते हैं, जो ज्योतिष के आलोचकों के लिए कड़वी गोली की तरह हो सकता है।

शुरुआत विज्ञान से: क्या ज्योतिष को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखा जा सकता है?

ज्योतिष को केवल अंधविश्वास मानने वालों को एक सवाल का जवाब देना चाहिए: जब हर ग्रह का गुरुत्वाकर्षण बल पृथ्वी और उसके निवासियों पर प्रभाव डालता है, तो क्या किसी ग्रह का विशेष प्रभाव केवल ‘पौराणिक कथा’ है? अगर हम भौतिकी के नियमों की बात करें तो हर वस्तु का गुरुत्वाकर्षण किसी न किसी रूप में उसके आसपास की चीजों पर प्रभाव डालता है। फिर यह कैसे संभव है कि शनि, गुरु, शुक्र, और बुध जैसे ग्रहों का प्रभाव नहीं होता?

याद रखिए, विज्ञान का मतलब केवल प्रयोगशालाओं तक सीमित नहीं होता। यह उन प्रभावों को समझने का तरीका है जो हमें प्रत्यक्ष रूप से नहीं दिखते, लेकिन गहराई से हमारे जीवन पर असर डालते हैं। जैसा कि ब्रिटिश सांख्यिकीविद् जॉर्ज बॉक्स ने कहा था: “सभी मॉडल गलत होते हैं, लेकिन कुछ उपयोगी होते हैं।” इसी संदर्भ में, ज्योतिष एक ऐसा मॉडल है जो सहस्राब्दियों से उपयोगी साबित हुआ है।

शोधों की कड़ी: कंप्यूटर इंजीनियरिंग और ग्रहों का प्रभाव

पहला उदाहरण पेश करता हूँ एक आधुनिक शोध का: ‘Impact of Mercury, Jupiter, Venus, Saturn (Guru Planets) on Computer Engineering Professionals’. यह शोध उन लोगों के लिए आंख खोलने वाला हो सकता है जो समझते हैं कि ज्योतिष केवल भाग्य बताने का खेल है।

यह शोध पत्र (PhD Thesis) VISTAS (VELS Institute of Science, Technology and Advanced Studies) द्वारा 2023 में प्रकाशित हुआ था | इस शोध में कंप्यूटर इंजीनियरिंग के पेशेवरों पर इन ग्रहों का विशेष अध्ययन किया गया। बुध, जो बुद्धि और तर्क का प्रतीक है, कंप्यूटर इंजीनियरों की दक्षता में कैसे योगदान देता है, इसका यह शोध विस्तार से उल्लेख करता है। साथ ही, गुरु ग्रह का ज्ञान, शुक्र का सौंदर्य और रचनात्मकता, और शनि का अनुशासन, सभी तत्व कंप्यूटर इंजीनियरिंग के पेशेवरों के कार्यशैली और कैरियर विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसके शोधार्थी ने करीब 300 Computer Science Engineering Professionals के कुंडलियों का अध्ययन करके यह निष्कर्ष निकाला की ज्योतिष शास्त्र में वर्णित सूत्र मात्र एक तुक्का नहीं बल्कि statistically significant हैं !

अब इस पर विचार कीजिए: अगर ग्रहों का प्रभाव केवल किस्मत की बात होती, तो क्या यह शोध ऐसे परिणाम दे पाता? क्या यह महज संयोग है कि जिन पेशेवरों के ग्रह विशेष स्थितियों में होते हैं, वे अपने क्षेत्रों में सफल होते हैं? नहीं, यह संयोग नहीं है, बल्कि ज्योतिषीय सिद्धांतों का सटीक प्रदर्शन है।

इस विषय में हमारा यह वीडियो द्रष्टव्य है जो कहता है कि सितारे झूठ नहीं बोलते –

Enigmatropic Impact of Planets on Computer Science Engineering Professionals – Scientific Proof

मिर्गी और ज्योतिष का संबंध: एक और ठोस अध्ययन

दूसरे शोध पत्र की बात करें तो वह है ‘Epilepsy and Astrology’. यह शोध 2017 में डा. भगवान् दत्तात्रेय द्वारा किया गया था जो स्वयं MBBS डिग्री धारक हैं और नागपुर में कार्यरत हैं | इन्होने 200 मिर्गी रोग ग्रस्त व्यक्तियों के कुंडलियों का अध्ययन करके यह निष्कर्ष निकला की ज्योतिष न सिर्फ यह बता सकता है कि किसी व्यक्ति को मिर्गी रोग होने की संभावना है बल्कि यह भी बता सकता है की उसे दौरा कब पड़ेगा ! यह आश्चर्यजनक शोध बहुत लाभदायक है क्योंकि इससे मिर्गी रोग ग्रस्त व्यक्ति पहले से परहेज रख सकता है !इस शोध ने दिखाया है कि कैसे कुछ ग्रह स्थितियां और विशेष योग मिर्गी जैसी न्यूरोलॉजिकल समस्याओं से संबंधित हो सकते हैं। यहां फिर से, विज्ञान के तथाकथित पैरोकारों को एक कठोर संदेश मिलता है। मिर्गी जैसी जटिल बीमारी को सिर्फ मेडिकल साइंस के नजरिए से ही देखा जा सकता है, लेकिन जब शोध में यह पाया गया कि कुछ ग्रह स्थिति के दौरान मिर्गी के दौरे अधिक होते हैं, तो इसे महज संयोग नहीं कहा जा सकता।

पाठकों की सुविधा के लिए हम यह शोधपत्र भी यहाँ निःशुल्क उपलब्ध करवा रहे हैं –

इस शोध ने दिखाया है कि मिर्गी से पीड़ित लोगों की कुंडलियों में विशेष ग्रह योग होते हैं। यह एक ऐसा शोध है जो ज्योतिषीय सिद्धांतों और आधुनिक चिकित्सा विज्ञान के बीच की खाई को पाटने का काम करता है। यहां आलोचकों के लिए सवाल उठता है: क्या आप इसे महज एक संयोग कहेंगे, या फिर इसे वैज्ञानिक आधार मानकर अध्ययन करेंगे?

इस विषय में हमारा यह वीडियो द्रष्टव्य है जिसमें हमने विस्तार से इस शोध पत्र को समझाया है और ज्योतिष के आलोचकों को करारा जवाब दिया है –

Medical Science Proves Astrology – Response to Astrology Critics

वैज्ञानिक तथ्यों के साथ आलोचना: तर्कवादियों को जवाब

अब आते हैं उन तथाकथित तर्कवादियों की ओर, जो अक्सर विज्ञान की आड़ लेकर ज्योतिष को खारिज करते हैं। ये लोग भूल जाते हैं कि ज्योतिष भी एक गहन अध्ययन है, जिसे समझने के लिए केवल तर्क से ज्यादा गहराई चाहिए। यहां कुछ प्रश्न हैं जो शायद इन आलोचकों को असहज कर सकते हैं:

  1. “अगर हर ग्रह का गुरुत्वाकर्षण प्रभाव है, तो क्यों न उनके मानव जीवन पर भी प्रभाव को माना जाए?”
  2. “क्या आप हजारों सालों से प्रचलित किसी मॉडल को केवल इसलिए खारिज कर सकते हैं क्योंकि आपके पास इसका वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है?”
  3. “क्या केवल इसलिए कि आपको किसी चीज का सीधा प्रमाण नहीं मिलता, आप उसे झूठा कह सकते हैं?”

ज्योतिष के वैज्ञानिक पहलू: आलोचना का उत्तर

ज्योतिष की आलोचना करने वालों को एक बार इस बात पर विचार करना चाहिए कि विज्ञान केवल प्रयोगों और साक्ष्यों तक सीमित नहीं है। यह विचारों, मॉडल्स, और सिद्धांतों का एक तंत्र है, जो बार-बार परीक्षण के बाद सत्यापित होते हैं।

ज्योतिष भी एक ऐसा ही तंत्र है। यह केवल भविष्यवाणी का विज्ञान नहीं है, बल्कि यह हमारे आसपास के ब्रह्मांड और उसके तत्वों के साथ हमारे संबंधों का अध्ययन करता है। ग्रहों की स्थिति और मानव जीवन के बीच के संबंधों को नकारना उतना ही अजीब है जितना कि यह मानना कि मौसम केवल आकस्मिक घटनाओं का परिणाम होता है।

निष्कर्ष: आलोचना से परे सोचने की जरूरत

आखिरकार, ज्योतिष को केवल अंधविश्वास मानने वालों को यह समझना होगा कि ज्योतिष शास्त्र का आधार भी वैज्ञानिक अध्ययन और गहन विश्लेषण पर आधारित है। चाहे वह ग्रहों का प्रभाव हो, या फिर किसी विशेष बीमारी से संबंधित योग, ज्योतिषीय सिद्धांत बार-बार सच साबित हुए हैं।

कंप्यूटर इंजीनियरिंग पेशेवरों और मिर्गी जैसी बीमारियों पर शोध इसके जीते जागते उदाहरण हैं। आलोचक चाहे जितने तर्क दे लें, लेकिन वास्तविकता यही है कि ज्योतिष शास्त्र केवल एक काल्पनिक अवधारणा नहीं है। यह हमारे जीवन और ब्रह्मांड के बीच के गहरे संबंधों को समझने का एक वैज्ञानिक मॉडल है।

तो अगली बार जब कोई आपको यह कहे कि ज्योतिष केवल एक अंधविश्वास है, तो उसे इस तथ्य के साथ जवाब दीजिए कि यह वह विज्ञान है, जो आपको शायद तब समझ आएगा जब आप अपनी सीमित सोच से ऊपर उठकर, ब्रह्मांड की अपार शक्तियों का अध्ययन करेंगे। तब तक के लिए, अज्ञानता का आनंद लें!